कानपुर के कलक्टरगंज गल्लामंडी में भीषण अग्निकांड से कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ। 159 साल पुरानी मंडी में लगी आग से कई पीढ़ियों से कारोबार कर रहे व्यापारियों को गहरा आघात पहुंचा है। करोड़ों रुपये का माल जलकर राख हो गया जिससे हजारों मजदूर और उनके परिवार प्रभावित हुए हैं। व्यापारी असहाय महसूस कर रहे हैं। Kanpur Massive Fire से आर्थिक तंत्र पूरी तरह से झुलस गया।

कानपुर। देश-विदेश तक मशहूर औद्योगिक नगरी की कलक्टरगंज गल्लामंडी में प्रवासी मजदूरों के पसीने की बूंदों ने बड़े कारोबारी परिवार बनाए। रात में बारदाना की झाड़न से निकले अनाज ने उनके पेट भरे। कई इनमें से ही व्यापारी बने। सुबह चकाचक कुर्ता-पाजामा पहन अनाज की दलाली की। बस यहीं से निकला झाड़े रहो कलक्टरगंज का जुमला।
हटिया खुली बजाजा बंद…झाड़े रहो कलक्टरगंज की बात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कई बार कही। उसी कलक्टरगंज में मंगलवार दोपहर बाद भीषण आग से व्यापारिक व आर्थिक तंत्र पूरी तरह झुलस गया। तीन पीढ़ियों से कारोबार करने वाले दर्जनों कारोबारी परिवार असहाय, लाचार, लुटे-पिटे व तबाह नजर आए। 100 साल की पुरानी कारोबारी फर्मों को तगड़ा झटका मिला। उनके आंसू छलके व बदहवास दिखे। 10 हजार मजदूरों के परिवार भी परेशान हुए।
विनोद टंडन बताते हैं, 159 वर्ष पहले कलक्टरगंज में 19 अक्टूबर, 1866 को हालसी साहब गल्ला बाजार का उद्घाटन किया गया था। फिर बाजार का नाम कलक्टरगंज हो गया। इसके चारों तरफ सड़क है। अब वर्तमान जिलाधिकारी से अनुरोध है कि यहां स्थायी दुकानें बनाकर दी जाएं। जेठ की दुपहरी में हुए अग्निकांड ने सबकुछ झुलसा दिया।
बाजार को नया स्वरूप देने के लिए बड़ी योजना लाई जाए। लगभग 100 साल पुरानी किराना कारोबारी सुंदरलाल एंड संस फर्म में खटाई, पुस्तादाना, सौंफ-जीरा, धनिया का डेढ़ से दो करोड़ रुपये का माल जल गया। इससे चार परिवार पलते थे।
इन चार परिवारों में तीन भाइयों राजेश गुप्ता, राजू गुप्ता व लल्ल गुप्ता की मृत्यु हो चुकी है, जिनके लड़के कारोबार देख रहे थे। चौथे भाई सत्यप्रकाश गुप्ता एक डोर की तरह सबको संभाले थे। अब इनका कोल्ड स्टोर में भंडारण ही बचा है। इससे परिवार आर्थिक रूप से टूट गए।
बाजार में कुछ यूं हुआ नुकसान
- 2 करोड़ रुपये अरविंद एंड कंपनी के अरविंद चतुर्वेदी के रुई गोदाम में नुकसान।
- 1.50 करोड़ रुपये की रुई का नुकसान विवेक उद्योग के यहां हुआ।
- 1 करोड़ रुपये के आसपास नुकसान हुआ दीपक गुप्ता किराना कारोबारी का।
- 1.50 करोड़ रुपये के वे वाहन जलकर राख हो गए, जो बाजार में खड़े थे।
- 20-20 लाख रुपये का नुकसान बालाजी, लखदातार व विंध्यवासिनी ट्रांसपोर्ट कंपनी का।
- 8 से 10 लाख रुपये का नुकसान अनन्या ट्रेडर्स, लवकुश बारदाना व आयुष ट्रेडिंग बारदाना में।
- 5 से 10 लाख रुपये के बीच नुकसान हुआ लगभग 80 दुकानों व गोदामों में।
- 50 हजार से एक लाख रुपये का नुकसान 150 दुकानों में, जहां आग कम थी।
छह घंटा ठप रही बिजली आपूर्ति
आग लगते ही बाजार में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई। उस समय तीन घंटा आसपास के दो दर्जन बाजारों और आधा दर्जन मुहल्लों के 20 हजार घरों में बंद रही। आग बुझाते समय फिर शाम को पौने पांच बजे स्पार्किंग शुरू होने पर तीन घंटा बिजली आपूर्ति ठप रही।
आसपास फैलती आग तो होता बड़ा हादसा
कलक्टरगंज बड़ा व्यापारिक केंद्र है। आसपास अलग-अलग तरह की वस्तुओं के व्यापारियों के गोदाम हैं। रिहायशी बस्ती भी है। चीनी-गुड़ मंडी बगल में है। घी-तेल व तिरपाल, नारियल व जूट की दुकानें हैं। गल्लामंडी 73 चेक में ही एक हजार छोटी-बड़ी दुकानों में रुई, बारदाना, ट्रांसपोर्ट कंपनियों के गोदाम, गल्ला, किराना, जीरा-सौंफ, केमिकल आपूर्ति की दुकानें हैं।
नहीं भूले हमराज कांप्लेक्स का दर्द
गल्लामंडी से लगभग एक किलोमीटर ही दूर कोपरगंज में हमराज कांप्लेक्स स्थित है। यहां 30-31 मार्च, 2023 की रात लगभग एक बजे आग में 570 व्यापारियों की 11 सौ दुकानें जल गई थीं। लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। ये दर्द अभी लोग भूले नहीं थे कि फिर कारोबारियों को नई पीड़ा से गुजरना पड़ा।