कानपुर ऑर्डनेंस फैक्ट्री में एनआईए सीबीआई और सेना की संयुक्त टीम ने छापा मारा। यह कार्रवाई जेडब्ल्यूएम विकास द्वारा पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय जानकारी साझा करने के मामले में हुई। टीम ने प्रशासनिक कार्यालय में दस्तावेजों की छानबीन की और तोप के बैरल व गोला-बारूद उत्पादन संबंधी जानकारी जुटाई। अधिकारियों से पूछताछ की गई हालांकि उन्होंने जानकारी देने से इनकार कर दिया।

कानपुर। पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा से आर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर की गोपनीय जानकारी साझा करने में पकड़े गए जूनियर वर्क्स मैनेजर विकास के प्रकरण में शुक्रवार को सेना, एनआइए और सीबीआइ की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। आयुध निर्माणी परिसर में पूरे दिन संयुक्त टीम ने प्रशासनिक कार्यालय में विकास प्रकरण और आर्थिक अपराध से जुड़े दस्तावेजों की गहन छानबीन की।
टीम ने विकास द्वारा पाकिस्तानी एजेंट से साझा की गई जानकारी जैसे तोप की बैरल, गोलों के हार्डवेयर के उत्पादन, कंप्यूटर शाखा में डिजिटल फाइल के बारे में जानकारी जुटाई। टीम ने अन्य अनुभागों में जाकर छानबीन की। देर शाम तक अधिकारियों से कड़ी पूछताछ किए जाने की भी चर्चा रही।तीन माह पूर्व 19 मार्च को कुमार विकास को एटीएस ने पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा से गोला, कर्मचारियों की अटेंडेंस सहित अन्य जरूरी गोपनीय दस्तावेज साझा करने के आरोप में पकड़ा था।
पूछताछ में पता चला था कि विकास ने आर्डिनेंस फैक्ट्री के दस्तावेज, उपकरणों व निर्माण होने वाले गोला बारूद, कानपुर के कर्मचारियों की उपस्थिति शीट, मशीनें व उत्पादन संबंधी चार्ट आदि की फोटो व महत्वपूर्ण गोपनीय सूचनाए कथित पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा को भेजी थी। तब एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
तब से लगातार आयुध निर्माणी के अफसर इस प्रकरण पर जानकारी देने से बचते आ रहे हैं। अब तीन माह बाद एक बार फिर सेना, सीबीआइ और एनआइए के अधिकारियों ने आयुध निर्माणी में छापेमारी होने से अहम जानकारी मिलने की संभावनाएं तेज हो गईं हैं।हालांकि इस संबंध में जब आयुध निर्माणियों से जुड़े अधिकारियों से बात की गई तो वह किसी भी तरह की जानकारी से इन्कार करते रहे। सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे के अलावा जांच एजेंसियों ने आर्थिक अपराध से जुड़े भी एक मामले में दस्तावेज खंगाले हैं।