दिल्ली पुलिस ने हनी ट्रैप के एक बड़े जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है जिसमें विदेशी लड़कियां शामिल हैं। ये लड़कियां सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स के माध्यम से लोगों को फंसाकर ब्लैकमेल करती थीं और उनसे पैसे वसूलती थीं। जांच में आईएसआई से जुड़े तार भी सामने आए हैं। पुलिस ने कई लड़कियों और उनके साथियों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है।

नई दिल्ली। हनी ट्रैप के मामले अब सिर्फ अपराध का मामला नहीं रह गए हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारी इनके निशाने पर हैं।
यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ, जब 31 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया। यह रैकेट इसके लिए एक नाबालिग पाकिस्तानी लड़की समेत विदेशी लड़कियों का इस्तेमाल कर रहा था। इन्हें राजस्थान के डींग जिले से पकड़ा गया।
दिल्ली पुलिस ने इन लड़कियों के साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले मोहम्मद कासिम और उसके भाई मोहम्मद हसीन को भी गिरफ्तार किया था। हनी ट्रैप में इस्तेमाल की जा रही पकड़ी गई लड़कियों की संख्या छह बताई जा रही है।
पुलिस कार्रवाई में यह भी पता चला कि इन लोगों ने एक डॉक्टर को हनी ट्रैप में फंसाकर उससे नौ लाख रुपये भी ऐंठ लिए थे। इसके साथ ही इन्होंने पिछले पांच साल में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 12 से ज्यादा हाई-प्रोफाइल लोगों को भी अपना शिकार बनाया था।आतंकी और अलगाववादी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के शामिल होने की आशंका को देखते हुए केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। दिल्ली में अब तक ऐसे 25 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 10 में पाकिस्तान और बांग्लादेश की लड़कियां शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि ये लड़कियां इंटरनेट मीडिया और डेटिंग एप के जरिए अपने टारगेट को फंसाती हैं, फिर उनसे ब्लैकमेल कर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करती हैं और मोटी रकम भी ऐंठती हैं।इस साल जनवरी में आनंद विहार स्पा रैकेट में पकड़ी गई 14 लड़कियों में से तीन बांग्लादेशी लड़कियां डेटिंग एप के जरिए हनी ट्रैप में शामिल थीं। पुलिस ने जब इन्हें पकड़ा तो ये छिपे हुए कैमरों से संवेदनशील डेटा जुटा रही थीं। हनी ट्रैप मामले में इस साल जनवरी से मई तक पुलिस कार्रवाई में करीब 320 लड़कियां पकड़ी गईं। इनमें से 85 विदेशी थीं, जिनमें 25 उज्बेक, 10 कजाक, पांच तुर्कमेन, 15-15 बांग्लादेश और पाकिस्तान और 15 अफ्रीकी देशों की थीं, जबकि बाकी 250 स्थानीय थीं।
प्रमुख मामले
- जनवरी में आनंद विहार स्पा रैकेट में 14 लड़कियां पकड़ी गईं। इनमें तीन बांग्लादेशी थीं, जो डेटिंग एप के जरिए ग्राहकों को हनी ट्रैप में फंसाती थीं। वे ब्लैकमेल करने के लिए छिपे हुए कैमरों से जानकारी और संवेदनशील डेटा चुराती थीं।
- मई में दक्षिण दिल्ली के एक रिसॉर्ट से छह अफ्रीकी (नाइजीरिया) महिलाएं पकड़ी गईं, जो सेक्स माफिया के साथ मिलकर हनी ट्रैप रैकेट चला रही थीं।
- मार्च 2025 में महिपालपुर के एक होटल से तीन कजाकिस्तान की महिलाएं पकड़ी गईं, जो हनी ट्रैप में शामिल थीं, इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल के जरिए प्रभावशाली लोगों को फंसाती थीं और उन्हें ब्लैकमेल करती थीं।
- इसी तरह दक्षिण दिल्ली के एक रिसॉर्ट से छह अफ्रीकी महिलाएं पकड़ी गईं।
- अप्रैल में द्वारका में एक हाई-प्रोफाइल रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, जिसमें आठ रूसी, दो तुर्कमेन और एक पाकिस्तानी और बांग्लादेशी लड़कियां भी हनी ट्रैप रैकेट का हिस्सा थीं।