टीचर ने ऐसा क्या किया कि साइबर ठग ने लौटा दिए रुपये? अब सामने आई नई मुसीबत

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक शिक्षिका साइबर ठगी का शिकार हो गई। धोखे से पैसे निकालने के बाद ठग ने दया दिखाते हुए कुछ रकम वापस कर दी लेकिन यह पैसा किसी और के खाते से आया था। अब शिक्षिका का खाता फ्रीज हो गया है और वह अब साइबर पुलिस थाने के चक्कर काट रही हैं।

साइबर ठगों ने एक शिक्षिका से पहले ठगी कर ली। वह रोई-गिड़गिड़ाईं तो दया करते हुए ठग ने शिक्षिका के खाते में आधी से ज्यादा रकम ट्रांसफर कर दी। ये रकम ठग ने अपने खाते से नहीं बल्कि महाराष्ट्र के किसी व्यक्ति के बैंक खाते से उसके खाते में ट्रांसफर की थी। इससे अब शिक्षिका का खाता ही फ्रीज हो गया। पीड़िता अब कल्याणपुर व साइबर थाने के चक्कर लगा रही है।

कल्याणपुर निवासी शिक्षिका वंदना राजपूत ने बताया कि उन्होंने नवंबर 2024 में आनलाइन कंपनी से करीब एक हजार की दवा का आर्डर किया था। 18 नवंबर 2024 को उनके पास एक काल आई। उसने खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताया और कहा कि आर्डर करते समय पता नहीं लिखा गया था।

साइबर ठग ने खाते से निकाले 18500 रुपये

उसने पता पूछा और आर्डर कंफर्म करने के लिए एक वेबसाइट का लिंक भेज दो रुपये भेजने को कहा। लिंक खोलने पर एक एप डाउनलोड होने लगा। इसके बाद उसमें दो रुपये भेज दिए। कुछ ही देर में खाते से 18,500 रुपये निकल गए।

पीड़िता ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने से वह ठग को काल कर रोने लगीं। इस पर ठग ने कुछ देर बाद ही 10 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर कर दिए। पीड़िता ने बताया कि मार्च में उनका खाता फ्रीज हो गया। बैंक में पता करने पर साइबर सेल भेजा गया। यहां बताया गया कि पंजाब के रितिक नाम के व्यक्ति के खाते से 27 हजार रुपये की ठगी हुई थी, जिसमें 10 हजार उनके खाते में आए थे।

साइबर क्राइम थाने के चक्कर लगा रही पीड़िता

तब से पीड़िता कल्याणपुर थाने और साइबर क्राइम थाने के चक्कर काट रही है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। साइबर सेल प्रभारी पुनीत तोमर ने बताया कि ठगी की रकम लोगों के खाते में पहुंचने पर खाता फ्रीज हो जाता है। ऐसे मामले आते हैं तो उनकी मदद करने का प्रयास किया जाता है।

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