भारत की सख्ती से पाकिस्तान में दवा से लेकर खाद की भारी किल्लत, गरीबों पर बढ़ेगी महंगाई की मार

पंजाब के अमृतसर में स्थित अटारी बॉर्डर के जरिए ही भारत और पाकिस्तान के बीच ज्यादातार व्यापार होता है।

मंगलवार, 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष और निहत्थे सैलानियों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी थी। इस आतंकी हमले में सीधे तौर पर पाकिस्तान का हाथ है, जिसके बाद भारत सरकार ने पड़ोसी देश की इस हरकत के खिलाफ अभी तक कई कड़े फैसले ले चुका है। भारत के फैसलों से झल्लाया पाकिस्तान भी अपनी क्षमता के हिसाब से भारत के खिलाफ एक्शन ले रहा है। भारत ने पाकिस्तान के अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया है। देश के इस फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच 3886.53 करोड़ रुपये का सीमा पार व्यापार रुक जाएगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुमान के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यक्ष व्यापार बहुत कम है, लेकिन अप्रत्यक्ष माध्यमों से हर साल भारत का 10 अरब डॉलर का सामान पाकिस्तान पहुंचता है।

अमृतसर में स्थित है अटारी बॉर्डर

पंजाब के अमृतसर में स्थित अटारी बॉर्डर के जरिए ही भारत और पाकिस्तान के बीच ज्यादातार व्यापार होता है। भारत द्वारा अटारी बॉर्डर बंद किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भी हमारे साथ व्यापार को बंद कर दिया है। बताते चलें कि साल 2024 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला व्यापार 127 प्रतिशत की बंपर बढ़ोतरी के साथ 1.2 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया था। बाकी देशों की तुलना में ये आंकड़े बहुत कम हैं, लेकिन साल 2023 की तुलना में ये काफी ज्यादा है, क्योंकि 2023 में दोनों देशों के बीच सिर्फ 0.53 बिलियन डॉलर का ही व्यापार हुआ था।

3 बिलियन डॉलर तक का होता था व्यापार 

2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले से पहले दोनों देशों के बीच 3 बिलियन डॉलर तक का व्यापार होता था। भारत मुख्य रूप से पाकिस्तान को दवाइयां, दवा की सामग्रियां, चीनी, चाय, कॉफी, कपास, लोहा, स्टील, टमाटर, नमक, ऑटोमोटिव कॉम्पोनेंट्स और खाद भेजता है। वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान से भारत में मसाले, खजूर, बादाम, अंजीर, बेसिल और रोजमेरी हर्ब्स आदि आयात करता है। दोनों देशों के बीच व्यापार बंद होने से पाकिस्तान अन्य पड़ोसी देशों जैसे- यूएई, सिंगापुर और श्रीलंका के जरिए भारतीय सामान आयात करेगा। 

गरीबों पर बढ़ेगी महंगाई की मार

दूसरे देशों के जरिए भारतीय सामान आयात करने से इनका ढुलाई खर्च बढ़ जाएगा, जिसका सीधा असर इस सामानों की कीमतों पर पड़ेगा और पाकिस्तान में मूलभूत चीजें महंगी हो जाएंगी। जिसका सीधा असर पाकिस्तान की गरीब जनता पर पड़ेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान के फार्मा सेक्टर को झटका लग सकता है। इसकी तुलना में भारत अपने पड़ोसी पर कम निर्भर है।

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