जयपुर स्थित कंपनी का आईपीओ 200 करोड़ रुपये के नए शेयरों के निर्गम और प्रमोटरों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स द्वारा 19.2 लाख शेयरों की बिक्री पेशकश का कॉम्बिनेशन है।

स्वास्तिका इंफ्रा भी अपना आईपीओ लेकर आने की तैयारी में है। बिजली डिस्ट्रीब्यूशन, कोर इन्फ्रा प्रोजेक्ट में ईपीसी सॉल्यूशन देने वाली कंपनी स्वास्तिका इंफ्रा ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए धन जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास शुरुआती डॉक्यूमेंट दाखिल किए हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के मुताबिक, जयपुर स्थित कंपनी का आईपीओ 200 करोड़ रुपये के नए शेयरों के निर्गम और प्रमोटरों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स द्वारा 19.2 लाख शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का कॉम्बिनेशन है।
30 मार्च को फाइल किए गए ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट
खबर के मुताबिक, कंपनी प्री-आईपीओ दौर में 40 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है और अगर ऐसा प्लेसमेंट पूरा हो जाता है, तो नए निर्गम का आकार कम हो जाएगा। 30 मार्च को फाइल किए गए ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट से इस बात की जानकारी मिलती है कि नए निर्गम से हासिल 145 करोड़ रुपये की राशि को वित्त पोषण, वृद्धिशील कार्यशील पूंजी जरूरतों के लिए निर्धारित किया गया है। साथ ही, एक हिस्सा सामान्य कॉर्पोरेट मकसदों के लिए उपयोग किया जाएगा। सृजन अल्फा कैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी और फिलिपकैपिटल (इंडिया) बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं जो कंपनी के पहले सार्वजनिक निर्गम के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं।
पोर्टफोलियो में चार भारतीय राज्यों में प्रोजेक्ट्स
स्वास्तिका इन्फ्रा एक इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) कंपनी है, जो बिजली वितरण अवसंरचना परियोजनाओं के निष्पादन में विशेषज्ञता रखती है। कंपनी ने ईपीसी बिजली परियोजनाओं को निष्पादित किया, जिसमें कुल 8,519 शामिल हैं। इसके पोर्टफोलियो में चार भारतीय राज्यों में 34 पूर्ण बिजली वितरण अवसंरचना प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। अपनी ईपीसी बिजली परियोजनाओं से राजस्व के अलावा, कंपनी बिजली केबल और दूसरे बिजली के सामानों की खरीद और बिक्री से भी राजस्व का एक हिस्सा हासिल करती है।
एनएसडीएल को दी ये डेडलाइन
इससे पहले पूंजी बाजार नियामक सेबी ने नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के शेयरों की लिस्टिंग के लिए 31 जुलाई, 2025 तक विस्तार दिया है। यह विस्तार डिपॉजिटरी द्वारा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से विस्तार मांगे जाने के बाद आया है।