कलबुर्गी में अशोक नगर पुलिस ने एक चोर को गिरफ्तार किया है, जिसने लूट का माल मेलों में सामूहिक भोजन और शराब पीने और मौज-मस्ती में खर्च कर दिया था।

कलबुर्गीः चोरी करके ऐशो आराम की जिंदगी जीने के कई किस्से सुनने में आते हैं लेकिन कर्नाटक के कलबुर्गी से अपराध का एक ऐसा अजीबो गरीब मामला सामने आया है जिसमें चोर, चोरी के माल से दान पुण्य करता था। उसका मकसद यही था कि चोरी का एक बड़ा हिस्सा दान पुण्य और पूजा पाठ में जाये ताकि भगवान की कृपा से वो पुलिस से बचा रहे, लेकिन पुलिस ने उसे दान पुण्य का काम करते समय ही धर दबोचा।
चोर ने 30 लाख के गहने भगवान को चढ़ाया
पुलिस के मुताबिक, इस ‘सदाचारी चोर’ के पास से 412 ग्राम सोना बरामद हुआ है, जिसकी कीमत करीब 30 लाख रुपये है और ये सब सोना उसने भगवान के खाते में डाला। यानी मंदिरों में दान कर दिया, ताकि इंसान और ईश्वर दोनों की आंखों में धूल झोंक सके।
260 से ज्यादा केसों में वांटेड है चोर
जांच में पता चला कि शिवप्रसाद 260 से ज्यादा केसों में वांटेड था। वह रसूखदार लोगों के घरों से सोना, चांदी और कैश चुराता था और फिर मेलों, भंडारों में मुफ्त खाना बंटवाता था। यानी एक हाथ से चोरी, दूसरे से पुण्य।
महाराष्ट्र के एक बड़े मंदिर को 5 लाख रुपये का दान
जांच में सामने आया कि आरोपी लातूर जिले में भंडारा आयोजित किया, जिसमें हजारों भक्तों ने प्रसाद खाया। बिना यह जाने कि इसको स्पॉन्सर करने वाला एक नामी चोर है। चोरी फुल प्रूफ हो इसके लिए ये चोर, मौके पर फिंगरप्रिंट मिलने से बचने के लिए अपनी उंगलियों पर फेविक्विक/फेविकोल (सुपरग्लू) लगाता था।
चोर की कारतूस सुनकर पुलिस कमिश्नर भी चौंक गए
इस दानवीर चोर की अजब कहानी से जहां पुलिस भी अचंभे में है वहीं, कलबुर्गी पुलिस कमिश्नर डॉ. शरणप्पा एस.डी. खुद भी चौंक उठे और कहा कि ये चोर बड़े बड़े घरों को टारगेट कर चोरी करता था। फिर चोरी के माल को गरीबों को, अस्पतालों में जरूरतमंदों को दवा, फल ले जाकर देता था। इसन मंदिरों में दान पुण्य और भंडारा भी किया है। एक मंदिर में अन्नदान के लिए पांच लाख तक का दान दिया है। उसका मानना था कि ऐसा करने से पाप से मुक्ति मिल जाएगी।