कानपुर के नौबस्ता थाने में दारोगा के घूस लेते पकड़े जाने के बाद इंस्पेक्टर संतोष सिंह पर गाज गिरी है। जांच में पाया गया कि इंस्पेक्टर का अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं था जिसके चलते थाने की आईजीआरएस रैंकिंग लगातार गिर रही थी। पुलिस बोर्ड ने उन्हें नौबस्ता थाने से हटाकर अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया है।

कानपुर। यशोदा नगर श्रीराम चौक चौराहे से घूस लेते पकड़े गए नौबस्ता थाने के दारोगा अभिनव चौधरी के बाद अब नौबस्ता इंस्पेक्टर संतोष सिंह पर गाज गिरी। उन्हें नौबस्ता थाने से हटाकर प्रभारी होमोसाइड यूनिट अपराध शाखा में स्थानांतरित किया गया है।
अधिकारी की जांच में इंस्पेक्टर का अपने अधीनस्थों पर पर्यवेक्षण प्रभावी नहीं दिखा। इसी वजह से पिछले तीन माह से नौबस्ता थाने की आइजीआरएस रैंकिंग भी गिरती जा रही थी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था आशुतोष कुमार ने बताया कि सोमवार को नौबस्ता थाने के दारोगा अभिनव चौधरी को एंटी करप्शन की टीम ने यशोदा नगर श्रीराम चौक के पास से 20 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था। उसे उनकी टीम ने जेल भी भेज दिया। मामले में दारोगा को निलंबित भी कर दिया गया।
इस प्रकरण को लेकर नौबस्ता थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह की भी अधिकारी से जांच कराई गई। जांच में सामने आया कि इंस्पेक्टर का उनके अधीनस्थों पर कोई प्रभाव नहीं था। इससे आइजीआरएस पर आई शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं हो रहा था और पीड़ित पुलिस की इस कार्यशैली से असंतुष्ट थे। इससे फरवरी में 47.62 प्रतिशत, मार्च में 45.33 और अप्रैल में 40 प्रतिशत आइजीआरएस रैकिंग रही।लगातार रैंकिंग गिरने पर पुलिस स्थापना बोर्ड ने इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह को नौबस्ता थाने से हटाकर प्रभारी होमोसाइड यूनिट अपराध शाखा में स्थानांतरित किया है।