दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां बंदरों के लिए बुफे सजाया जाता है। इस बुफे में फल, सब्जियाँ, केक, जेली, और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों को बंदरों के खाने के लिए रखा जाता है।

थाईलैंड के लोपबुरी शहर में हर साल नवंबर के आखिरी रविवार को “मंकी बफे फेस्टिवल” होता है, जिसमें हज़ारों बंदरों के लिए एक विशाल भोज का आयोजन किया जाता है। शहर के प्राचीन फ्रा प्रांग सम योट मंदिर के पास टेबल्स सजाई जाती हैं, जिन पर फल, सब्जियाँ, केक, जेली, और कोल्ड ड्रिंक्स की थालियाँ रखी जाती हैं। हज़ारों बंदर (मकाक प्रजाति) इन टेबल्स पर चढ़कर खाते-पीते हैं, उछल-कूद करते हैं, और कई बार खाना चुराकर भाग जाते हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि ये बंदर सौभाग्य लाते हैं और भगवान हनुमान का प्रतीक हैं।
बंदरों का भोज: इंसानों की तरह बंदरों के लिए टेबल सजाना और उन्हें “गेस्ट” की तरह ट्रीट करना अपने आप में पागलपन भरा और मज़ेदार है। बंदर खाना खाने के साथ-साथ टेबल तोड़ते हैं, एक-दूसरे पर फल फेंकते हैं, और पूरी जगह को जंगल बना देते हैं।
सांस्कृतिक नजरिया: ये फेस्टिवल पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए शुरू हुआ, लेकिन इसमें हिंदू पौराणिक कथाओं (हनुमान) और बौद्ध परंपराओं का मिश्रण है, जो इसे और अनोखा बनाता है। कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं, तो कुछ इसे मज़ेदार पर्यटन इवेंट।

इंसानों की तरह होती है बंदरों की “पार्टी”
ये फेस्टिवल इसलिए भी अजीबोगरीब और मज़ेदार है क्योंकि ये इंसानों की तरह बंदरों को “पार्टी” देता है, और उनकी हरकतें देखकर कोई भी हँसे बिना नहीं रह सकता। ये सांस्कृतिक परंपरा, पर्यटन, और बंदरों की शरारत का ऐसा मिश्रण है जो कहीं और नहीं मिलता। साथ ही, वायरल वीडियो में बंदरों का “इंसानी” व्यवहार (जैसे सेल्फी लेना या बोतल खोलना) इसे और हिट बनाता है।
इस त्योहार को मनाने के पीछे की वजह
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस त्योहार की शुरुआत यहां के एक लोकल व्यापारी ने की थी। उसका मानना था कि लोपबुरी में बंदरों की संख्या ज्यादा थी जिसके चलते यहां टूरिस्ट काफी आते थे और उन्हें खाना खिलाते थे। देखते-देखते टूरिस्टों की संख्या बढ़ती गई और व्यापारियों का बिजनेस भी बढ़ता गया। ऐसे में उसने बंदरों को पार्टी देना शुरू कर दिया, जिससे ज्यादा से ज्यादा बंदर शहर में रहें।
