‘अंग्रेज का बच्चा दिखता है…’ स्टारकिड को सुनने पड़े ताने, गोरा रंग करियर में बना रोड़ा

बॉलीवुड में ऐसे कई कलाकार हैं, जिन्होंने बतौर बाल कलाकार अपने करियर की शुरुआत की है। नील नितिन मुकेश भी इन्हीं कलाकारों में से एक हैं। नील नितिन मुकेश सिंगर नितिन मुकेश के बेटे और दिग्गज सिंगर मुकेश के पोते हैं, जिन्होंने 1988 में रिलीज हुई ‘विजय’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था।

बॉलीवुड से लेकर साउथ तक अपनी कलाकारी से फिल्मी दुनिया में एक अलग छाप छोड़ने वाले एक्टर नील नितिन मुकेश अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। नील नितिन मुकेश भी फिल्मी खानदान से ताल्लुक रखते हैं। वह सिंगर नितिन मुकेश के बेटे और दिग्गज सिंगर मुकेश के पोते हैं। लेकिन, बॉलीवुड में फिल्मी खानदान से होने उनके काम नहीं आया। उन्हें अन्य स्टारकिड्स जैसी सफलता और मौके नहीं मिले। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। खासतौर पर अपने लुक्स और रंग को लेकर। उनके लुक्स और फैमिली बैकग्राउंड के आधार पर उन्हें जज किया करते थे।

करियर में देखे उतार-चढ़ाव

एक्टर ने अब हाल ही में ‘थेरेपी डायरीज’ के साथ इंटरव्यू के दौरान बताया कि उनके करियर में क्या-क्या उतार चढ़ाव आया। उन्होंने बताया कि लोग कैसे उनके लुक्स को लेकर उन्हें शक भरी निगाहों से देखते थे। पिता और दादा की तुलना करते हुए लोग उनकी क्षमताओं पर शक करते थे। उन्होंने बताया कि लोग ये भी पूछते थे कि क्या वह अच्छे से हिंदी बोल सकते हैं क्योंकि वह फिरंगी दिखते थे। लोगों का मानना था कि वह विदेशी के बच्चे लगते हैं। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल भी था कि क्या वह एक्टिंग कर सकेंगे, या हिंदी में बात कर पाएंगे?

पहली फिल्म से पहले इस बात का था डर

इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि क्या आपको पहली फिल्म मिलने से पहले किसी तरह का कोई डर था। एक्टर नील ने कहा  ‘जब तक मुझे अपनी पहली फिल्म नहीं मिली, तब तक मैंने खुद पर किसी भी चीज को हावी नहीं होने दिया। मैं किसी भी तरह के डर को बर्दाश्त नहीं कर सकता था। लेकिन, लोगों की विचारधारा ने धीरे-धीरे मेरे लिए चुनौतियां बढ़ा दीं। मेरे लिए पहले से ही एक चुनौती थी कि मैं मुकेश जी का पोता हूं और गायक का बेटा हूं।’

नील नितिन की चुनौतियां

एक्टर नील नितिन ने बताया कि लोगों का शक करना ही उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया।   एक्टर ने कहा- ‘लोगों को शक था कि मैं अभिनय भी कर सकता हूं या नहीं। मेरी हिंदी कैसी है? मुझे हिंदी आती भी है या नहीं? लोग कहते थे- फिरंगी दिखता है। इसलिए मुझे इन चुनौतियों से निपटना पड़ा। लोग कहते थे, मैं अंग्रेज का बच्चा दिखता हूं। काश मैं हिंदी फिल्मों में काम कर पाता। ये सब मेरी कमियां थीं जिन्हें मैंने सकारात्मकता में बदल दिया।’नील नितिन मुकेश का करियर 

एक्टर नील नितिन को भले ही बहुत से लोगों ने उनके लुक और हिंदी भाषा को लेकर उन पर शक किया था। लेकिन एक्टर ने सारे शक को सफलता में बदल दिया। नील नितिन ने इंडस्ट्री में खुद को सफल बनाने के लिए खुद से एक वादा किया और जी जान से मेहनत कर के एक सफल अभिनेता बन गए। उन्होंने 1988 और 1989 में ‘विजय’ और ‘जैसी करनी वैसी भरनी’ से फिल्मी दुनिया में बाल कलाकार के रूप में कदम रखा।  एक्टर ने साल 2002 में फिल्म ‘मुझसे दोस्ती करोगे’ में सहायक निर्देशक के रूप काम किया और बतौर लीड एक्टर ‘जॉनी गद्दार’ (2007) से अपना डेब्यू किया था। उनकी अंतिम फिल्म ‘हिसाब बराबर’ साल 2024 में रिलीज हुई थी।

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