खिसियानी बिल्ली सा है मसूद अजहर का हाल, 10 अपनों को खोने के बाद भी नहीं मिला सबक, दे रहा गीदड़ भभकी

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का बयान सुर्खियों में है। अपने चहेतों को खोने के बाद भी वो अपनी हरकतों से बाज आने को तैयार नहीं है। उसकी गीदड़ भभकियां जारी हैं।

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर की प्रतिक्रिया भी ऑपरेशन सिंदूर पर सामने आ गई है। उसके परिवरा के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी इस ऑपरेशन में मारे गए हैं। इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान  अधिकृत कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया है। लक्षित क्षेत्रों में बहावलपुर स्थित एक परिसर भी शामिल था। एक बयान में मसूद अजहर ने कहा कि बहावलपुर के मरकज सुभान अल्लाह, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकवादी संगठन के मुख्यालय पर भारतीय हमले में उसके परिवार के 10 सदस्यों और चार करीबी सहयोगियों की मौत हो गई। इसके बाद भी मसूद अजहर बाज नहीं आ रहा है और अपनी गलती को कबूल करने के बजाय वो मामले को और तूल दे रहा है। अपने करीबियों को खोने के बाद भी धमकियां देने और गीदड़ भभकी से बाज नहीं आ रहा है।

अजर ने कही ये बात

मसूद अजहर ने कहा, ‘अल्लाह ताला फरमाते हैं, शहीद जिंदा हैं। अल्लाह ताला उनका मेजबान है और वो अल्लाह ताला के प्यारे मेहमान हैं। मेरे परिवार के दस सदस्यों को आज रात एक साथ ये खुशी नसीब हुई। पांच मासूम बच्चे, मेरी बड़ी बहन और उनके पति, भांजा और उसकी पत्नी, भांजी और 4 करीबी साथी अल्लाह को प्यारे हो गए। मोदी ने मासूम बच्चों, पर्दानशीं महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाया। सदमा इतना है कि बयान नहीं किया जा सकता, लेकिन कोई अफसोस, निराशा, डर या खौफ नहीं है बल्कि बार-बार दिल में आता है कि काश मैं भी चौदह सदस्यों के इस खुशकिस्मत कारवां में शामिल हो जाता, लेकिन अल्लाह ताला से मिलने का वक्त बहुत तय होता है।’

भड़काने से नहीं आ रहा बाज

मसूद अजहर ने इस मामले पर आगे लिखा, ‘वो आगे-पीछे नहीं हो सकता। हमारे एक घर में कुल चार बच्चे थे, सात से तीन साल की उम्र तक। चारों एक साथ स्वर्ग सिधार गए। उनके माता-पिता अकेले रह गए, लेकिन पहली सदियों जैसी यह खुशी सिर्फ उन्हीं को नसीब होती है, जिन्हें अल्लाह ताला प्यार करता है। उनके जाने का यही तय समय था। लेकिन अल्लाह ताला ने उन्हें मौत नहीं, जिंदगी दी। जमूदी की इस क्रूरता ने सारे नियम तोड़ दिए। अब वहां किसी को रहम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।’ 

दे रहा धमकी

मसूद अजहर ने अपने लेटर के अंत में लिखा, ‘बमबारी में शहीद हुई जामा मस्जिद, सुभान अल्लाह का गुंबद, दुश्मनों पर इतना गुस्सा और भड़केगा कि उनके वंशज भी इसे याद रखेंगे, अल्लाह चाहेगा। आज चार बजे, इस बेहद खुशकिस्मत कारवां की जनाजा नमाज बहावलपुर में पढ़ी जाएगी। क्या कोई ऐसा मंदिर है जो आस्था, सम्मान और क्षमा के इस अवसर से वंचित हो। अब मोदी के इस जुल्म ने सारे रास्ते तोड़ दिए हैं,  अब कोई वहां नरमी की उम्मीद ना रखें। जामा मस्जिद सुभान अल्लाह के बमबारी से शहीद होने वाले गुंबद का का कहर दुश्मनों पर ऐसा बरसेगा कि उनकी नस्ल भी इसको याद रखेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!