दुबक कर बैठ गया हाफिज सईद, मुरीदके के मरकज तैयबा में हमले के बाद भी सामने नहीं आया, आतंकियों के जनाजे से बनाई दूरी

पाकिस्तान के मुरीदके पर हमला सीधे-सीधे आसिम मुनीर और शहबाज शरीफ के लिए चैलेंज है। जिस मुरीदके पर हमला हुआ है, वो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है। यहीं से हाफिज सईद अपने आतंक की फैक्ट्री चलाता था।

पाकिस्तान के मुरीदके में भारतीय सेना ने लश्कर के हेडक्वार्टर को तबाह कर दिया। हमले को 17 घंटे के करीब हो गए। लेकिन अभी तक आतंकी हाफिज सईद सामने नहीं आया है। ना ही उसका कोई बयान सामने आया है। हाफिज सईद अपने आतंकियों के जनाजे से भी दूर रहा है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद कहीं वह दुबक कर तो नहीं बैठ गया।

आतंकियों के जनाजे में शामिल हुए आर्मी के जवान

हाफिज सईद की जगह मुरीदके में आतंकियों को अंतिम विदाई देने पाकिस्तान आर्मी के फोर्थ कोर का कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन शाह पहुंचा। आर्मी कमांडर के पहुंचने से समझ सकते हैं कि भारतीय सेना के अटैक से पाकिस्तान को कितना बड़ा झटका पहुंचा है। 

50 सेकेंड के अंदर गिराए गए 4 बम

भारत ने 50 सेकेंड के भीतर मुरीदके में 4 बम गिराए हैं। निशाने पर वो सभी ठिकाने थे। जहां आतंकियों के छिपे होने का इनपुट था। भारत के हमले में मरकज तैयबा की छत और प्रशासनिक इमारत पूरी तरह तबाह हो गई है।

आतंक की फैक्ट्री का अड्डा ये मरकज तैयबा

मुरीदके के मरकज तैयबा में 2008 के मुंबई हमले के आतंकी यहीं से प्रशिक्षित हुए थे। अजमल कसाब और डेविड हेडली भी यहां ट्रेंड किए गए थे। इंडियन फोर्सेस ने जैसे ही मुरीदके में स्ट्राइक किया है। भारत के हमले के बाद वहां भगदड़ मच गई।

आतंकियों को पुलिस की मिलती है सिक्योरिटी

पाकिस्तान को लश्कर को पता था कि भारत अटैक करेगा। इसलिए तैयबा मरकज की पहरेदारी आतंकी कर रहे थे। पाकिस्तान में आतंकियों को किस तरह पनाह दी जाती है, दहशतगर्दों को कैसे पुलिस की सिक्योरिटी मिलती है। ये पूरी दुनिया को पता है।

चारों तरफ लोहे के तारों से घेरा गया था ये अड्डा

भारतीय हमले के बाद मुरीदके से आई इन तस्वीरों में एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब कर दिया है। जिस मरकज में बैठकर हाफिज सईद आतंकियों वारदातों की प्लानिंग करता था। उस मरकज को चारों तरफ से लोहे के तारों से घेरा गया था। आतंकियों के अलावा पाकिस्तान पुलिस और रेंजर के जवान हाफिज के आतंकी अड्डे की पहरेदारी करते थे।

लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर है मुरीदके

बता दें कि मुरीदके लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर है, जब लश्कर पर बैन लगा तो हाफिज सईद ने जमात उल दावा नाम से मुखौटा संगठन बनाया, जो सामाजिक कामों के बहाने टेरर फंडिग और टेररिस्टों को ट्रेनिंग देती थी। इसका नेटवर्क इतना बड़ा है कि पूरे पाकिस्तान में इसके 2500 मदरसे और ऑफिस हैं। साल 2008 में पाकिस्तान ने इसे बैन कर दिया था। FATF ने ग्रे लिस्ट में भी डाला लेकिन ये संगठन दूसरे नाम से टेरर एक्टिविटिज में शामिल रहा है।

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