पहलगाम में शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की बहादुरी को सराहा। उन्होंने कहा आतंकियों ने हिंदू पूछकर सुहाग उजाड़ा सेना ने बदला लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह करकर दिखाया है। इस दौरान भावुक होकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना एशान्या के पैर छूने को झुके तो उन्होंने रोक दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने परिवार को सांत्वना दी।

कानपुर। भारतीय सेना के पराक्रम पर पहलगाम में आतंकियों के हाथों मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने कहा कि आतंकियों ने हिंदू पूछकर सुहाग उजाड़ा था। सेना ने उसका मान रखा और आपरेशन सिंदूर में आतंक के गुनहगारों का खून बहाकर बदला ले लिया। अब शुभम के साथ हम सभी को शांति मिली है।
आतंकियों ने मोदी को बताने के लिए कहा था और मोदी ने उनको उनका अंजाम बता दिया। पति की तस्वीर कलेजे से लगाए वह बोलीं, प्रधानमंत्री ने जो कहा वो करके दिखा दिया। मन में जल रही प्रतिशोध की आग, आतंकियों की बर्बादी देखकर अब ठंडी हुई है।
22 अप्रैल के बाद बदले की आस में जी रहे थे स्वजन
पिता संजय ने कहा कि सरकार से जो अपेक्षा थी उसे प्रधानमंत्री ने पूरा किया है, आतंकियों को माकूल जवाब दिया गया। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुई घटना के बाद से शुभम के स्वजन बदले की आस में जी रहे थे।

मंगलवार देर रात शुभम के पिता संजय को फोन पर करीब ढाई बजे किसी ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर दिया है। उन्होंने पत्नी सीमा और बहू एशान्या को जगाकर कहा, टीवी देखो अपने शुभम की जान लेने वालों की सेना जान ले रही है। उसके बाद परिवार के सभी लोगों की बाकी रात टीवी पर सेना का पराक्रम देखते बीती।
पीएम ने जो कहा था, वो कह दिखाया: एशान्या
सुबह एशान्या से बात हुई तो वह बोलीं, टीवी पर आपरेशन सिंदूर लिखा देखा तो यकीन हो गया कि जो प्रधानमंत्री ने कहा था वो कर दिखाया। आतंकियों ने कहा था कि जाओ मोदी को बता देना जाकर तो आज मोदी ने आतंकियों को बता दिया है कि हम छोड़ने वाले नहीं हैं। एक-एक आंसू का बदला लिया जाएगा। जब हिंदू पूछकर गोली मारी थी, तब लगा कि क्या हिंदू होना गुनाह है लेकिन अब हिंदू होने पर मुझे गर्व है। सिंदूर की कीमत क्या होती है, ये आतंकी इस कार्रवाई के बाद सोचकर समझ जाएंगे।

भावुक विधानसभा अध्यक्ष पैर छूने को झुके तो एशान्या ने पकड़ लिए हाथ
बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना शुभम के घर पहुंचे। शुभम को श्रद्धांजलि देकर स्वजन को सांत्वना देते हुए कहा कि देश की सेना हमारे शुभम को न्याय दे रही है, आज पाकिस्तान में संरक्षित आतंकवाद झुलस रहा है। पत्नी एशान्या को उन्होंने गले से लगा लिया और अपने हाथों से उनके आंसू पोछे।
भावुक हुए महाना एशान्या के पैर छूने को झुके तो उन्होंने उनके हाथ पकड़ लिए और बोलीं आप सिर पर हाथ रखिए। इस दौरान महाना की आंखों से आंसू बहने लगे। बेटी के लिए उसके पिता पूज्यनीय होते हैं। शुभम के पिता संजय ने उनको देखते ही कहा भैया आपने जो कहा था, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई का जो भरोसा दिया था। उस पर वो खरे उतरे और आतंक के खिलाफ आज पहली शुरुआत कर दी।