भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की खबर के बाद कानपुर में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने पाकिस्तान परस्त आतंकियों के अड्डों पर हवाई हमले का जश्न मनाया और प्रधानमंत्री मोदी व सेना की प्रशंसा की। पहलगाम हमले में मारे गए शुभम के परिवार ने इसे बदला बताया। शहर में मॉक ड्रिल का उत्साह भी दोगुना हो गया।

कानपुर। आंखें खुलीं…इंटरनेट मीडिया से मोबाइल फोन तक आपरेशन सिंदूर दिखा। पाकिस्तान परस्त आतंकियों के अड्डों पर हवाई हमले की खबर पर लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व देश की सेना का गौरव गान कर उठे। चेहरों पर सुकून का भाव नजर आया। मानों सब इसका ही इंतजार कर रहे थे। बोले-जैश, लश्कर, हिजबुल, मोदी-शाह ने की बत्ती गुल। गलियों से सड़कों तक जश्न का माहौल रहा।
आतंकी हमले में जान गंवाने वाले शुभम के स्वजन ने हुंकार भरी कि सुहाग का बदला ले लिया। इंटरनेट मीडिया, वाट्सएप ग्रुप, टीवी-रेडियो, चौराहों, नुक्कड़ों, बसों-ट्रेनों से स्टेशनों तक आतंकियों को मारने की बातें व पाकिस्तान-चीन के साथ पिछले युद्धों की स्मृतियां ताजा की गईं।
पहलगाम हमले में 26 लोगों की हुई थी मौत
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल की रात आतंकी हमले में कानपुर के लाल शुभम द्विवेदी समेत 26 मौतों के बाद से ही पाक परस्त आतंकियों को सबक सिखाने की उम्मीद लगाए लोग मंगलवार रात सिविल डिफेंस की ओर से हवाई हमले के बचाव को लेकर बुधवार को होने वाले पूर्वाभ्यास, निकट भविष्य में युद्ध होने की बातें करते सोए और सुबह उनकी उम्मीदों की झोली भरी मिली। चहुंओर केवल आपरेशन सिंदूर का ही गुणगान रहा।
पहलगाम आतंकी घटना की 15वीं रात को ही देश ने आतंकियों से बदला ले लिया। भोर में जैसे ही लोगों की नींद खुली तो आपरेशन सिंदूर की जानकारी मिली। भारत माता की जय, जय हिंद, जय हिंद की सेना जैसे जयकारों की गूंज सुनाई पड़ने लगी। आसपास पड़ोस के लोग सुबह पार्क में इकट्ठे हुए, टहलने निकले तो बस आपरेशन सिंदूर की ही चर्चा रही।
स्ट्राइक के बाद दोगुणा हुआ मॉक ड्रिल का उत्साह
वैसे तो मॉक ड्रिल पहले से प्रस्तावित था, लेकिन पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक के बाद इसमें भाग लेने के लिए लोगों में दोगुणा उत्साह दिखा। चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम में सिविल डिफेंस के पूर्वाभ्यास व ब्लैक आउट के समय की सजगता को लेकर उद्घोषणा ने हर व्यक्ति को राष्ट्र प्रेम से भर दिया।
कानपुर व आसपास के जिलों के स्कूलों, पुलिस लाइन, बड़े चौराहों और अस्पतालों में मॉक ड्रिल हुई। दमकल कर्मियों ने आग बुझाकर दिखाई। जिला अस्पताल के डाक्टरों ने उखड़ती सांसों को वापस लाने के लिए सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का प्रशिक्षण दिया। लोगों को बताया गया कि आपात स्थिति में किस तरह अपना बचाव करना है।